रिश्तों की राजनीति- भाग 14
भाग 14
सान्वी अक्षय से कहती है कि उसका गला सूख रहा है, वो जूस पीना चाहती है।
अक्षय फोन पर अपने नौकर को कमरे में जूस लाने के लिए कहता है।
सान्वी धीरे से उसके कान में कहती है…..जब तक जूस आता है, तब तक तुम फ्रेश क्यों नहीं हो जाते।
अक्षय मुस्कुराते हुए कहता है….. आईडिया अच्छा है। मैं अभी आता हूँ पाँच मिनट में।
कुछ देर बाद जब अक्षय फ्रेश होकर आता है तो देखता है सान्वी कुछ सोचते हुए धीरे-धीरे जूस पी रही होती है।
क्या हुआ सान्वी, तुम्हें अभी भी मुझ पर भरोसा नहीं?
नहीं, ऐसी बात नहीं है। सान्वी अक्षय पाटिल को अपने पति पर पूरा भरोसा है।
अक्षय उसे बाहों में भरते हुए कहता है….अक्षय जगताप पाटिल अपनी पत्नी सान्वी अक्षय पाटिल से बहुत प्यार करता है।
सान्वी मुस्कुराते हुए कहती है। तुम तो हो गए फ्रेश, मैं भी ज़रा फ्रेश हो लूँ। जब तक मैं फ्रेश होकर आती हूँ, तुम जूस पीयो।
थोड़ी देर बाद जब सान्वी बाथरूम से बाहर आती है तो अक्षय की आँखे ख़ुशी से चमकने लगती हैं उसे देखकर।
वो मन ही मन कहता है खुद से……इसके आगे तो बॉलीवुड की हीरोइनें भी फेल हैं।
अक्षय और सान्वी एक दूसरे के करीब आते हैं। सान्वी को अपने प्यार का इजहार इतनी बेबाकी से करते हुए देखकर अक्षय ख़ुशी से पागल हो रहा होता है। प्यार के इस खेल में अक्षय को लगता है वो जीत गया, लेकिन यह सिर्फ एक भ्रम होता है।
कुछ देर बाद सान्वी अक्षय को जगाते हुए कहती है…
अक्षय जल्दी उठो, मुझे मेरे घर छोड़ दो। अगर देर से घर पहुँची तो सबको क्या जवाब दूँगी?
सान्वी मेरे लिए एक कप स्ट्रांग कॉफी मंगवा दो, मुझे सिर में भारीपन सा महसूस हो रहा है।
कॉफी पीने के बाद अक्षय बेहतर महसूस करता है और दोनों वापिस मुम्बई के लिए निकल जाते हैं। सान्वी अपने माथे से सिंदूर मिटा चुकी होती है और अक्षय के नाम की चेन उतार कर बैग में रख लेती है।
कार से उतरते वक़्त सान्वी अक्षय से कहती है…..मुझे यह शाम हमेशा याद रहेगी अक्षय।
मुझे भी सान्वी…. इतना कहकर अक्षय अपने घर के लिए निकल जाता है। उसे सिर में भारीपन सा महसूस हो रहा होता है। घर पहुँचते ही वो सिर दर्द की गोली खाकर सो जाता है।
सान्वी घर पहुँचती है तो देखती है अभिजीत घर में नहीं होता। बाबा तो पहले से ही जरुरी काम से गाँव गए होते हैं और आई को वो देर से आने का बहाना बनाकर समझा देती है।
अगले दिन सान्वी अक्षय को फोन करती है, लेकिन उसका फोन बंद आ रहा होता है। अक्षय का फोन उस दिन के बाद से चालू होता ही नहीं। अक्षय के इस रवैये से सान्वी इस बार हैरान परेशान नहीं होती क्योंकि उसे इसकी पहले से ही उम्मीद थी। हैरान तो वो तब होती जब अक्षय फोन उठा लेता।
उसने अपना लैपटॉप उठाया और क्लिप्स एडिट करते-करते खुद से कहने लगी…..मुझे मालूम है अक्षय तुमने इन क्लिप्स के बारे में सपनें में भी नहीं सोचा होगा, लेकिन क्या करे अगर अपनी सुरक्षा का इंतज़ाम मैं नहीं करुँगी तो कौन करेगा? सान्वी अक्षय पाटिल नाम है मेरा, इतनी आसानी से तुम्हें हाथ से कैसे जाने दूँगी? शतरंज की बिसात तो बिछ चुकी है, देखते हैं, किसकी जीत होती है?
अभिजीत जब काम से घर आता है तो देखता है कि सान्वी देख तो टीवी रही होती है, लेकिन उसका ध्यान कहीं और होता है?
सान्वी एक गिलास पानी ला ज़रा पीने के लिए।
वो कुछ जवाब नहीं देती, चुपचाप टीवी में आँखे गड़ाए बैठी रहती है।
तभी आई उसे ज़ोर से हिलाते हुए कहती है…..क्या हुआ सान्वी, किस सोच में डूबी हुई है? अभिजीत कितनी देर से पानी मांग रहा है, सुनाई नहीं दे रहा क्या?
उठ जाकर पानी दे अभिजीत को।
सान्वी गुस्से से उठती है और अभिजीत के लिए पानी ले आती है।
रात करीब ग्यारह बजे अभिजीत के फोन पर एक मैसेज आता है। उस मैसेज में सान्वी की फोटो होती है और उसके नीचे लिखा होता है…..गंगा मैली हो चुकी है, कचरे का ढेर बन चुकी है।
इस मैसेज को पढ़ने के बाद अभिजीत का पारा गुस्से से आसमान छूने लगता है और वो अक्षय को फोन लगाता है, लेकिन फोन बंद आ रहा होता है। वो सान्वी के कमरे में जाता है तो देखता है कि वो आई से लिपटकर सो रही होती है एक छोटे बच्चे की तरह। वो बिना कुछ कहे अपने बिस्तर पर आकर लेट जाता है। उसे बहुत गुस्सा आ रहा होता है अक्षय पर, एक मासूम सी लड़की को उसने अपने प्यार के जाल में फंसाकर अपने ही भाई के खिलाफ कर दिया। कितना समझाया था उसने सान्वी को, लेकिन वो समझी ही नहीं। अब क्या होगा सान्वी का, यह सोच-सोचकर उसका दिमाग परेशान हो रहा था।
यह बात ऐसी थी कि न वो आई बाबा को बता सकता था, न ही शरवरी को। उसे सुबह का इंतज़ार था। वो सान्वी से बात करके इस घटिया मैसेज का सच जानना चाहता था। पूरी रात इसी में कट गई, सुबह जाकर जो नींद आयी तो आंख देर से खुली, सान्वी कॉलेज जा चुकी थी। आनन-फानन में अभिजीत ऑफिस के लिए निकल गया।
ऑफिस में भी दिमाग में सान्वी और अक्षय ही घूमते रहे। वो आधे दिन की छुट्टी लेकर सीधा सान्वी के कॉलेज पहुँच गया और वहाँ से सान्वी को फोन करके कहा….मैं कॉलेज के बाहर इंतज़ार कर रहा हूँ, क्लास खत्म करके जल्दी से बाहर आ जा, जरुरी बात करनी है।
अभिजीत की फोन पर आवाज़ सुनकर सान्वी के माथे से पसीने की बूंदे टपकने लगी थी। उस थप्पड़ को वो भूली नहीं थी अभी तक।
❤सोनिया जाधव
Saba Rahman
16-Jul-2022 11:17 PM
Osm
Reply
Chudhary
16-Jul-2022 10:09 PM
😊😊😊
Reply
Rahman
16-Jul-2022 10:02 PM
OSM👏👏
Reply